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आप हमसे जो नज़रे मिलाने लगे

आप हमसे जो नज़रे मिलाने लगे

आप हमसे जो नज़रे मिलाने लगे
फूल डाली पर लगे मुस्कराने लगे

फूल पर बैठे भौंरे ने मुझसे कहा
देखो बगिया में कोयल गुनगुनाने लगे

रात भर किसी की याद में चाँद रोया बहुत
ओस की बूँद ये कहानी सुनाने लगे

यूँ तो रुखसत हुए आपसे अरसा हुआ
लेकिन आपको भूलने में जमाने लगे

जब पलटे किताबों के पन्ने पुराने
तो उसमें कुछ ख़त पुराने मिले

उनके हर्फों को हमने जब फिर से पढ़ा
मेरे अश्क़ नयनों से बहकर के आने लगे।